इकना (IQNA) की रिपोर्ट के मुताबिक, सियोनिस्ट शासन (इजरायल) द्वारा ईरान पर हमले और ईरानी सशस्त्र बलों द्वारा इस हमले का बहादुरी से मुकाबला करने के बाद, मोहम्मद रसूलअल्लाह (स.अ.व.) की तवाशीह टीम ने कुरआन की विभिन्न आयतों का सामूहिक पाठ किया है।
इन प्रस्तुतियों में कुरआन की उन आयतों का पाठ शामिल है जो कुफ्र (अविश्वास) और मुनाफिक़ी (पाखंड) के खिलाफ संघर्ष और सतर्कता की बात करती हैं। इन्हें ईरान और मुस्लिम उम्मह के हौसले को बुलंद करने के लिए तैयार किया गया है।
इसी कड़ी में, सूरह फुस्सिलत की आयत 30 का सामूहिक पाठ जारी किया गया है।
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